हर कोई है बीजी, मैं लेजी क्यों ?
लोग फ्रेश - फ्रेश रहते हैं, मैं dizzy क्यों?
कौंध रहा अंतर्मन में ।
विचार-शून्य गगन में।
चिंतन और मनन में।
अपने मन के आंगन में।
वन में उपवन में।
काली घटा सावन में।
चूड़ी में , कंगन में।
जीवन और मरण में ।
रज-रंजित चरण में।
धरती के कण - कण में।
प्रभु के शरण में ।
हर कोई है fizzy , मैं frenzy क्यों?
इन्द्रधनुष सबका जीवन, मेरा greasy क्यों ?
तुने क्या कमाल किया !
ऐसा है तुने सवाल किया ।
विक्रम और बैताल किया ।
जीवन को तूने ऐसे जिया ।
जैसे हो कोई बूझता दिया ।
धीमा जीवन-रथ चाल किया ।
ख़ुद को इसमे ढाल लिया।
संकट ख़ुद विकराल किया।
मुश्किल बढ़ी , सवाल किया ?
बिन मतलब, बवाल किया !
बेचारे सा हाल किया ।
सबका लाइफ क्रिस्टल-क्लेअर , मेरा hezy क्यों?
जीवन सबका बसंती - बयार , मैं fuggy क्यों?
माना गलती थी मेरी।
सम्हलने में की देरी।
बादल घोर-घनेरी ।
निशा घुप्प-अँधेरी ।
सहचर-सखा सब वैरी।
लोचन अश्रु-जल तैरी ।
संकीर्ण सोच थी मेरी ।
जब-जब विपदा ने घेरी ।
सुनते ही रणभेरी ।
मन बना क्यों लक्कड़- ढेरी ।
क्या इतनी हो गई देरी ?
दुनिया कितनी कांफिडेंट दिखती , मैं edgy क्यों?
सबका जीवन समतल भूमि, मेरा ridgy क्यों?
मैंने है मन में ठाना।
मुझको है नाम कमाना ।
जाने सारा जमाना ।
चाहू ऐसा काम कर जाना ।
हर कोई हो मेरा दीवाना।
बच्चा, बुढ्ढा, सयाना ।
मन, ऐसी तरकीब बताना ।
मिल जाए खुशियों का खजाना ।अब , मन में जो है ठाना।
उसे हर कीमत पे है पाना।
ठीक- ठीक समझाना।
लोग लाइफ को सीरियस लेते , मैं easy क्यों?
दुनिया indiscriminative, मैं choosy क्यों?
कठिन परिश्रम से जो ना डरता।
लापरवाही, जो न बरतता।
ख़ुद को है जो प्रेरित करता।
हाय री किस्मत, जो ना करता ।
सही समय की प्रतीक्षा करता ।
समय सभी घावों को भरता ।
स्वस्थ अपने तन- मन को रखता ।
निरोग मनुष्य सब सम्भव करता ।
सकारात्मक विचार हो रखता ।
सफलता उसके चरण पखारता ।
प्रगति की वो सीढिया चढ़ता ।
तुम भी सफलता पा लोगे , हो crazy क्यों?
Take it easy! life is rosy!! तुम uneasy क्यों?
---सतीश राज पाठक
(रचना की प्रशंषा के लिए आप साबका आभार , आपके प्रशंषा के दो शब्द मेरे लिए प्रेरणा के श्रो़त हैं - धन्यवाद् )
kamaal ki shabdaavli.............
ReplyDeletekamaal ka content.............
kamaal ki kavata...............
waah waah
हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका स्वागत है..
ReplyDeleteye bhee kamal hai. narayan narayan
ReplyDeleteस्वागत है.शुभकामनायें.
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
ReplyDeleteआप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
ReplyDeleteलिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी
Anek shubhkamnayon sahit swagat hai..!
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